हरियाणा। सरकार ने प्रदेश में टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए टैक्स चोरी की सूचना देने वालों को पुरस्कार देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आबकारी और कराधान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य में टैक्स चोरी करने वालों की सूचना देने वाले व्यक्ति या फर्म को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य में कर चोरी पर नियंत्रण पाना और राज्य के राजस्व में वृद्धि करना है। इसके लिए सरकार ने प्रारंभिक रूप से आबकारी एवं कराधान विभाग में 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
सूचना देने वालों की पहचान रहेगी गुप्त
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस पहल के तहत एक विशेष पोर्टल बनाने के निर्देश दिए हैं, जहां लोग टैक्स चोरी की सूचना दे सकेंगे। इस पोर्टल पर दी गई सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य में टैक्स चोरी पर काबू पाने के लिए अहम है और सरकार ने इसके लिए एक मजबूत तंत्र तैयार करने की योजना बनाई है।
नशे की समस्या से निपटने के लिए भी पोर्टल बनाए जाएंगे
मुख्यमंत्री सैनी ने राज्य में नशे की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए भी एक पोर्टल बनाने के आदेश दिए हैं, जिस पर लोग नशा तस्करी से संबंधित सूचना दे सकते हैं। इस पोर्टल का उद्देश्य हरियाणा में नशे की समस्या को नियंत्रित करना और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस पोर्टल को जल्द से जल्द स्थापित किया जाए और इसके संचालन के लिए एक प्रभावी तंत्र तैयार किया जाए।
नशा तस्करी के खिलाफ समन्वित प्रयास
नशे की तस्करी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस के साथ मिलकर कार्य करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि सभी विभागों का समन्वित प्रयास ही नशे की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर सकता है। इसके अलावा, काली कमाई से अर्जित संपत्तियों को अटैच करने की दिशा में भी कार्रवाई की जाएगी।
शराब ठेकों की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी निर्देश दिए कि गांवों में शराब के ठेकों को घरों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों से उचित दूरी पर स्थापित किया जाए, ताकि सार्वजनिक स्थानों पर शराब के सेवन से संबंधित समस्याएं न बढ़ें।
हरियाणा सरकार की यह पहल राज्य के विकास और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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